आज भारत वर्ष के इतिहास का वो अनोखा दिन है, जब सिक्ख के दसवें गुरु गोबिंद सिंह जी का जन्म हुआ था (5 जनवरी 1666 – 7 अक्टूबर 1708 )। Guru Gobind Singh Jayanti 2021
गुरु गोविंद सिंह जी का जन्म पटना (बिहार) में हुआ था, जिस जगह गुरु गोविंद सिंह का जन्म हुआ था, अब वो स्थान पटना साहिब के नाम से मशहूर है, जो इन्ही के नाम पे रखा गया था।
गुरुगोविंद सिंह जी बचपन के चार वर्ष अपनी माता गुजरी देवी के साथ पटना साहिब में ही बिताये थे। Guru Gobind Singh
जब गुरुगोविंद सिंह ( गोबिंद राय) का जन्म हुआ था, तब उनके पिता गुरु तेगबहादुर सिंह जी (सिक्ख के नौवें गुरु थे), धर्म के उपदेश के लिए असम गये हुए थे।
गोबिंद राय का जन्म, 10 वें सिख गुरु व एक आध्यात्मिक गुरु, योद्धा, कवि, दार्शनिक तथा संस्कृत, अरबी व पर्सियन भाषा के ज्ञानी के रूप में हुआ। जब उनके पिता, गुरु तेग बहादुर ने अपना धर्म परिवर्तन कर इस्लाम बनने से मना कर दिया तो, क्रूर इस्लामो ने उनका सर कलम कर दिया। Guru Gobind Singh
वैसी परिस्थिती में 9 वर्षीय गुरु गोबिंद सिंह को औपचारिक रूप से सिखों के नेता के रूप में स्थापित किया गया। जो बाद में दसवें सिख गुरु बन गए।
Guru Gobind Singh Jayanti 2021
गुरुगोविंद सिंह के चारो पुत्रों की मृत्यु उनके ही जीवनकाल में हो गयी थी। जिसमे दो पुत्रों की मौत युद्ध मे हुई। तथा बाकी दो को क्रूर मुगल शाशक औरंगजेब ने सर कलम कर दिया।
अपने जीवन के अंतिम समय मे (1708) में गुरु गोबिंद सिंह की मृत्यु के समय, उन्होंने गुरु ग्रंथ को गुरु की उपाधि से सम्मानित किया। उनकी मृत्य महाराष्ट्र के नादेड़ मे हुआ था।
सिख गुरुओं के 10 वें और अंतिम गुरु गोविंद सिंह जी, मुख्य रूप से ख़ालसा (पंजाबी: “शुद्ध”), सिखों के सैन्य भाईचारे के मजबूती के लिए जाने जाते हैं।
सिख के दसों गुरु का नाम ?
• सिख धर्म के दस गुरुओं का युग 1469 में गुरु नानक देव के जन्म के बाद से शुरू हुआ था। जो इस प्रकार है:-
गुरु नानक देव - (1469 - 1539)
गुरु नानक देव ने ही, लंगर चलाने की प्रचलन की शुरुआत की थी।
गुरु अंगद देव - (1539 - 1552)
गुरु अंगद देव ने ही गुरुमुखी भाषा का खोज किया था।
गुरु अमरदास साहिब - (1552-1574 )
गुरु अमरदास ने सिखों के लिए हिंदू रूप की जगह आनंद कारज विवाह समारोह की शुरुआत की। तथा सिक्खों के पहले गुरु नानक देव जी के द्वारा चलाये गये लंगर की परंपरा को मजबूत किया। उन्होंने सिखों के बीच हो रही सती प्रथा प्रणाली को समाप्त कर दिया था।
गुरु राम दास - (1574 - 1581) तक
गुरु राम दास ने ही, अमृतशहर की स्थापना व स्वर्ण मंदिर का निर्माण करवाया था।
गुरु अर्जन देव – 1581 से 1606 तक- गुरु अर्जन देव पहले ऐसे गुरु थे जिसे जहाँगीर ने फांसी दे दी थी।
गुरु हर गोबिंद साहिब - (1606-1644) तक
गुरु हर गोबिंद साहिब सिक्ख के पांचवें गुरु अर्जन देव के पुत्र थे और वो “सैनिक संत” के रूप में जाने जाते थे। गुरु हर गोबिंद ने ही अपने पिता के हत्यारे मुगल शासक जहाँगीर और शाहजहाँ के खिलाफ युद्ध छेड़ा था।
गुरु हर राय साहिब - (1644- 1661) तक
गुरु हर राय साहिब ने मुगल शासक शाहजहाँ के सबसे बड़े पुत्र को औरंगजेब के द्वारा सताये जाने पर दारा शिकोह को आश्रय दिया था।
गुरु हर कृष्ण साहिब - (1661- 1664) तक
सिक्ख गुरुओं में सबसे कम उम्र के गुरु बने थे, गुरु हर कृष्ण साहिब, उनकी उम्र पाँच साल थी।
गुरु तेग बहादुर साहिब - (1665-1675) तक
गुरु तेग बहादुर साहिब ने ही आनंदपुर शहर की स्थापना की थी, तथा
मुगल शासक औरंगज़ेब के द्वारा जबरन किये गये हिंदुओं व कश्मीरी पंडितों के धर्म परिवर्तन करवाने का विरोध किया था।
गुरु गोबिंद सिंह साहिब - (1675-1708)तक
Guru Gobind Singh Jayanti Kab Hai
गुरु गोबिंद सिंह अपने पिता गुरु तेग बहादुर की शहादत के बाद गुरु बने थे। तथा अंतिम सिख गुरु मानव रूप में और उन्होंने गुरु ग्रंथ साहिब में सिखों के गुरुत्व को पारित किया था। गुरु ग्रन्थ को गुरुमुखी लिपि में लिखा गया था और इसमें सिख गुरुओं द्वारा लिखे गए वास्तविक शब्द और छंद शामिल हैं।
जिसे अपने अंतिम समय गुरु गोविंद सिंह ने “गुरु ग्रंथ” को ही गुरु की उपाधि दी। Guru Gobind Singh तथा उन्होंने बताया की इसे किसी भी जीवित व्यक्ति के बजाय सर्वोच्च आध्यात्मिक प्राधिकरण और सिख धर्म का प्रमुख माना जाये।
Gobind Singh Jayanti 2021 in India
मुझे आशा है, की गुरु गोबिंद सिंह जी के बारे में लिखी हुई हमारी लेख, आपको पसंद आयी होगी।
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