Jai BholeNath

जो लोग यह बोलते हैं, कि शिवलिंग पर दूध मत चढ़ाओ मैं यकीन के साथ कह सकता हूं, कि उनमें से 99% लोग ऐसे हैं। जो आज तक ना कभी मंदिर गए, और ना कभी शिवलिंग पर दूध चढ़ाएं। तो फिर ऐसे लोग किस मुंह से यह हमें ज्ञान देते हैं, कि आप शिवलिंग पर दूध ना चढ़ाओ। jai bholenath

मैं मानता हूं कि शिवलिंग पर दूध चढ़ाने से दूध की बर्बादी है लेकिन उसके पीछे के जो आस्था है, जो विश्वास है। आप उसे तो नहीं रोक सकते ना क्योंकि अगर मैं 1 ग्लास दूध खरीदता हूं, जिसकी कीमत होती है ₹20 और औसतन देखा जाए तो जो दूध हमने ₹20 में खरीदे हैं जो कि 250ml होते हैं तो उसके हिसाब से 1KG दूध के दाम हुए ₹80 जो कि मार्केट में ₹60 में भी आपको मिल जाते हैं, चलिए थोड़ी मुद्दे की बातें करते हैं। हमने जो दूध लिया तो दूध के साथ मैंने फूल वाले की दुकान पर गया वहां फूल खरीदा, मैंने जब ₹10 के फूल खरीदे फिर आगे बढ़ा फिर अगरबत्ती वाले की दुकान पर गया वहां से मैंने अगरबत्ती खरीदा, फिर आगे गया मैंने मिठाई के दुकान वाले से लड्डू खरीदे, फिर मैंने जाकर मंदिर में अर्पित किया। Jai BholeNath Ki

Jai BholeNath
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Mahakal Status

अब कुछ लोग हमें यह बोलेंगे कि आप ने ब्राह्मण को पैसा क्यों दिया ब्राह्मण तो खुद बहुत ज्यादा कमाते हैं, ब्राह्मण अपने आप में धनी होते हैं, तो फिर ब्राह्मण को आपके पैसे की क्या जरूरत है?
तो वैसे लोगों से मैं यह कहना चाहूंगा हां हम ने ब्राह्मण को पैसे दिए ब्राह्मण को पैसे इसलिए दिए क्योंकि उसने हमारे आने से पहले मंदिर को साफ करके रखा था, वह मंदिर को साफ करके रखते हैं मैंने ब्राह्मण को इसलिए पैसा दिया क्योंकि ब्राह्मण ने पूजा पाठ करने में हमारी मदद की हमारे माथे पर उसने टीका लगाया हमारे कलाई पर उसने कलावा बांधा क्योंकि हमारे लिए ₹10 और ₹15 कोई मायने नहीं रखती , फिर भी ब्राह्मण को हम कम से कम ₹11 मंदिर में जरूर दे जाते हैं वह इसलिए नहीं कि हमारे पास पैसे कम है, या हमारे पास पैसे ज्यादा है। वह इसलिए देते हैं, क्योंकि हमारी आस्था होती है जब हम मंदिर से वापस लौट रहे होते हैं तो मंदिर के सामने जो भी भिखारी बैठे हुए रहते हैं कुछ ना कुछ हम उसके भी झोली में डाल ही देते हैं हमारे पास जो भी कुछ होते हैं।

तो जो लोग हमें यह ज्ञान देते हैं कि आप शिवलिंग पर दूध ना चढ़ाओ शिवलिंग पर दूध चढ़ाने से दूध की बर्बादी होती है किसी गरीब को बाँट दो अगर आप 1KG दूध लेंगे तो आप कितने गरीबों को बाटेंगे कम से कम चार लोग, चार लोगों के पेट भरेंगे लेकिन आप यह क्यों नहीं समझते कि मैंने जिससे दूध लिया उस दूध वालों का भला नहीं हुआ मैंने फूल की माला बनाने वाले से मैंने फूल की माला ली क्या उसका भला नहीं होगा, मैंने अगरबत्ती के दुकान में अगरबत्ती ली तो क्या उस दुकानदार का भला नहीं हुआ, मैंने जिस दुकान में लड्डू लिए पूजा करने के लिए क्या उस दुकानदार को भुला नहीं हुआ?

आप एक गिलास दूध में सिर्फ 1 लोगों का भला कर सकते हैं लेकिन एक गिलास दूध चढ़ाने की आपके अंदर जो आस्था और आत्मविश्वास होती है वह कहीं एक गिलास दूध दान करने से ज्यादा मायने रखती है, इसलिए हम शिवलिंग पर दूध चढ़ाते हैं क्योंकि हमें भी शौक नहीं है दूध को बर्बाद करने का इसमे हमारी आस्था है, विश्वास है, उस वजह से हम दूध शिवलिंग पर चढ़ाते हैं। और मैं यकीन के साथ कह सकता हूं, मैंने भी एक बार शिवलिंग में दूध चढ़ाने गया था, वहां पर हमें एक सज्जन पुरूष से मुलाक़ात हुई, उन्होंने हमसे कहा कि आप दूध चढ़ाते हो तो दूध चढ़ाने से क्या फायदा आप थोड़ा सा चढ़ा दो बाकी तो गरीबों को दान कर दो।

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मैंने उस सज्जन पुरुष से कहा आपने कभी किसी भिखारी को अपने छुट्टे पैसे दिया है तो उसने बोला हां दे देता हूं कभी-कबार अगर मिल जाते हैं तो, मैंने उनसे पूछा आपको एक महीने में कितने भिखारी मिलते हैं उसने हमें बोला यही करीब तीन-चार तो ऐसे मिल ही जाते हैं।
तो हमने उनसे पूछा कि आप कितने पैसे देते हो उन्हें तो उस सज्जन पुरुष ने हमें बड़े ही आसानी से बोल दिया शानो शौकत के साथ ₹5 दे देता हूं कभी-कभी ₹10 भी दे देता हूं उसकी बातों को सुनकर मुझे हंसी आई और मैंने हल्की सी स्माइल दी। और फिर मैंने बोला आप इतने बड़े हो आपकी सैलरी ₹30000 पर महीने की है और मैं एक स्टूडेंट हूं और मैं मंदिर महीने में 4 बार आता हूं अब आप इस बात से अनुमान लगा लीजिए कि मैं भिखारियों को कितना दे देता हूं ₹30000 कमाते हो न आपके लीये पैसे बहुत ज्यादा मायने रखती है।

और हमारे लिए तो यह पैसे कुछ मायने नहीं रखती क्योंकि हम खुशी-खुशी सब कुछ दान कर देते हैं जो भी कुछ होता है और मैं मंदिर में इसी वजह से आता हूं। आप समझ सकते हो हमारे अंदर कितनी आस्था भगवान की।और जो लोग यह कहते हैं कि मंदिर जाने से क्या फायदा भगवान तो हर जगह है कहीं भी बैठकर भगवान की पूजा कर लो वह तुम्हारी सुन लेंगे, बेशक भगवान हमारी सुन लेंगे लेकिन क्या आप धूप में बैठकर रह सकते हैं नहीं न,

क्योंकि हवा तो हर जगह चलती है, आप धूप में रहकर सिर्फ अपनी सांसे को चला सकते हैं सुख को प्राप्त नहीं कर सकते जैसे हवा हर जगह होती है लेकिन राहत सिर्फ छाया में ही मिलती है, उसी तरह भगवान होते हर जगह हैं लेकिन राहत सिर्फ मंदिर में ही मिलती है !

आप किसी मंदिर में जाकर बैठेंगे तो आपको एक अलग ही अनुभूति होगी, आप खुले मैदान में बैठकर भगवान की याद करते हैं बहुत अच्छी बात है लेकिन आप कभी मंदिर जाकर देवी मंदिर जाकर बैठोगे तब आपको पता चलेगी, मंदिर में ऐसा क्या होता है और मंदिर में कितनी शांति और सादगी आपको देखने को मिलती है।इसलिए प्लीज हमारी शिवलिंग पर दूध चढ़ाने हमारे मंदिर जाने इन सब चीजों पर कभी भी कोई सवाल ना ही करे तो बेहतर होगी।
Jai BholeNath 

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और आपसे एक छोटी सी रिक्वेस्ट है अगर आप कभी किसी भिखारी को ₹5 या ₹10 देते हो तो ध्यान जरूर दे, आपने देखा होगा कि खास करके मार्केट में जैसे ही आप और अपनी कार से बाहर निकलते हैं तो छोटे-छोटे बच्चे आपके पास दौड़कर आ जाते हैं और आप से पैसा मांगने लगते हैं, तो आप से यह गुजारिश है कि आप अपने कार में बिस्किट के पैकेट ले सकते हैं या, फिर कुछ खाने की चीजें ले सकते हैं और जैसे ही आपके पास बच्चे पैसा मांगने आये, आप उन्हें खाने की चीजें दे सकते हैं क्योंकि खाने की चीजें देने में आपको बेशक थोड़ा अजीब लगेगा लेकिन आप भारतीय हैं।

आपकी जिम्मेदारी है कि सारे नागरिक अच्छे से रहे क्योंकि हमें भी पता है कुछ लोग छोटे-छोटे बच्चे को भिखारी का रूप देकर उससे पैसा कमाना चाहते हैं अगर आप ऐसा करेंगे तो जिस बच्चे को आपने बिस्किट का पैकेट दिया वो उसे खा लेंगे क्योंकि छोटे बच्चों को पैसे की जरूरत नहीं है और यह होगा कि भिखारियों में भी कमी आएगी छोटे बच्चे उन लोगों के चंगुल से आजाद होंगे क्योंकि भारत की एक सच्चाई है यहां पर जिसमें ज्यादा कमाई होने लगती है उसी को लोग धंधा बना देते हैं। jai bholenath

मुझे आशा है कि आप मेरी बात से सहमत होंगे आपसे एक विनती है की, इस पोस्ट को ज्यादा से ज्यादा शेयर करें ताकि जो भी लोग शिवलिंग पर दूध चढ़ाने को लेकर ज्ञान देते हैं उन्हें कुछ समझ में आए। jai bholenath

अगर इस लेख से किसी को थोड़ी सी भी कष्ट हुई हो तो हमें उसके लिए क्षमा करें। Jai BholeNath 
धन्यवाद

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