Makar Sankranti kyo manaya jata hai
Makar sankranti kyo manaya jata hai हमे ये बताते हुए, खुशी हो रही है, कि 2021 की मकर सक्रांति 14 जनवरी को ही मनायी जायेगी। बीते हुए कुछ सालों में मकर सक्रांति मनाने की दो दिन तय की गई थी, 14 तथा 15। लेकिन साल 2021 में सिर्फ एक दिन 14 जनवरी को ही तय की गई है।
ऐसा इसलिए संभव हुआ है, क्योकि भारत के हिन्दू, दो कैलेंडर अपने घरों में रखते है:-
ग्रोगरी कलेंडर 2021:- (सूर्य की दिशा से तय होता है।)
विक्रमसंवत 2077:- (सूर्य, चंद्र तथा नक्षत्र, तीनों के दिशा से तय किया जाता है)
इन्हीं कैलेंडर के वजह से अधिकांश पर्व दो दिन हो जाते हैं।
Makar sankranti kyu manaya jata hai in Hindi
मकर सक्रांति क्यों मनाया जाता है?
मकर संक्रांति (तील सकरात) एक मौसमी पालन के साथ-साथ एक धार्मिक उत्सव भी है। मकर संक्रांति न सिर्फ किसानों के लिए एक त्योहार है बल्कि झारखंड, बिहार तथा उत्तरप्रदेश में भी इन्हें बड़ी धूमधाम से मनाया जाने के प्रचलन है। क्योंकि फसल की कटाई पूरी हो गई है और वे इसे मनाने के लिए एक साथ आते हैं। Makar sankranti kyo manaya jata hai
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पतंग महोत्सव?
मकर संक्रांति को देश के कई हिस्सों में पतंग महोत्सव के रूप में भी मनाया जाता है। इन दिनों बच्चे रंग-बिरंगी पतंगों के साथ खेलते हैं। देखा जाये तो मूल रूप से यह आकाशीय महत्व का भी त्योहार है, क्योंकि सूर्य अपनी उत्तरवर्ती यात्रा शुरू करता है, तथा कर्क रेखा से होते हुए, मकर में प्रवेश करता है, इसी कारण से इसे मकर की सक्रांति, अर्थात मकर सक्रांति कहा जाता है।
रिश्तों की डोर का पर्व।
मकर सक्रांति से 2 या 3 दिन पहले, भाई अपने ब्याही हुई बहन के घर तील, चूड़ा तथा मुड़ी की गुड़ मिली हुई लड्डू और तिलकूट व दही-चूड़ा लेकर कर, अपनी बहन के घर ले जाते हैं।
क्यो मकर सक्रांति नाम रखा गया?
मकर सक्रांति हिंदुओं के लिए छह महीने की शुभ अवधि की शुरुआत भी है, जिसे उत्तरायण काल कहा जाता है। मकर संक्रांति दक्षिण एशिया के कई हिस्सों में कुछ क्षेत्रीय विविधताओं के साथ मनाया जाता है। जिन्हें पोंगल कहते हैं।
मकर संक्रांति को लोग विभिन्न नामो से जानते हैं, जैसे माघी, माघ बिहू, लोहड़ी, पोंगल को आदि। Makar sankranti kyo manaya jata hai
Makar sankranti kaise manaya jata hai
मकर सक्रांति कैसे मनाया जाता है?
मकर सक्रांति के दिन लोग भगवान सूर्य की भी उपासना करते हैं। मकर सक्रांति को त्यौहारों का त्यौहार भी कहा जाता है। इन दिनों लोग, एक थाली में तील व अरुआ चावल को एक साथ मिलाकर, घर मे जितने सदस्य हो, उतने ही भाग में बांट दिया जाता है। और घर के सभी परिवार स्नान करने के बाद अपनी कुल देवता की पूजा अर्चना करते है। और उसके बाद थाली में रखी हुई, अपने हिस्से की तील और चावल को मिला देते हैं।
(अगर परिवार में चार लोग है, तो एक ही थाली में मिला हुआ तील चावल को चार हिस्सो में करके, उसे सजा दिया जाता है, और जब पहले व्यक्ति के द्वारा पूजा कर लिया जाता है, तब , उस सजाये हुए अपने हिस्सो को बिगाड़ देता है। Makar sankranti kyo manaya jata hai
और जब दूसरे व्यक्ति आते हैं, तो वो भीअपने हिस्से को बिगाड़ने के बाद, जो पहले वाले व्यक्ति के बिगाड़े हुए में अपनी हिस्सो को भी मिला देते हैं। और इसी तरह जब चारो लोग ये क्रिया कर लेते हैं। और थाली के सारे तील-चावल फिर से एक हो जाते हैं। और बाद में वही तील-चावल ब्राह्मण को दान कर दिया जाता है। तथा आशीर्वाद ली जाती है। )
अब तील चावल मिलाने की विधि पूरी हो जाने के बाद, बच्चे तील की बनी हुई चीज खाते हैं, तत्पश्चात दही-चूड़ा खाने का प्रचलन है।
Makar sakranti kab manya jata hai
पोंगल कब मनाया जाता है?
पोंगल दक्षिण भारत के सबसे लोकप्रिय फसल त्योहारों में से एक है, मुख्यतः तमिलनाडु का। तमिलनाडु का यह चार दिवसीय त्योहार प्रकृति के प्रति आभार प्रकट करने के लिए मनाया जाता है। पोंगल का शाब्दिक अर्थ “ओवर स्पिलिंग (छलकना)” है और इसे तब नाम दिया गया था, जब तक कि एक बर्तन में चावल उबलने की परंपरा शुरू नहीं हो जाती है। पोंगल उत्सव की अन्य परंपराओं में कोलम का चित्रण, तथा स्वादिष्ट पोंगल का झूला और खाना बनाना शामिल है।
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Makar sankranti kyo manaya jata hai धन्यवाद ।
मकर सक्रांति की हार्दिक शुभकामनाएं।
मकर संक्रांति 2021
जय श्री राम 🙏
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